01/04/2017 आज श्रीपंचमी, लक्ष्मी पंचमी है
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दीपावली के बाद आज है अति शुभ संयोग
चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी को की गई श्री आराधना मनोवांछित फल प्रदान करती है। दीपावली के बाद वर्ष में दूसरी बार यह अवसर मंगलवार को आ रहा है, जब श्रद्धालु धन-संपदा व समृद्धि की प्राप्ति के लिए महालक्ष्मी का पूजन कर सकते हैं।
चैत्र नवरात्रि की पंचमी तिथि लक्ष्मी पंचमी के नाम से जानी जाती है।
इस दिन धन की अधिष्ठाती देवी महालक्ष्मी की प्रसन्नता के लिए भक्तों को दिवसपर्यंत व्रती रहकर रात्रिकाल में माता लक्ष्मी का विधिपूर्वक पूजन करना चाहिए।
पश्चात देवी सुक्त, कनकधारा स्त्रोत, लक्ष्मी स्तोत्र, लक्ष्मी सुक्त का पाठ करना चाहिए। मान्यता है कि लक्ष्मी पंचमी पर की गई आराधना कभी निष्फल नहीं होती। श्रद्घालुओं को इसका लाभ अवश्य मिलता है।
नाग पूजन की मान्यता भी : पंचमी की रात्रि में नाग पूजन की मान्यता भी है।
जिन जातकों की जन्मपत्रिका नाग दोष से ग्रसित है, वे जातक इस रात्रि में नाग देवता का पूजन कर, कच्चे गौ दुग्ध का नैवेद्य लगाएं तथा घी का दीपक प्रज्ज्वलित कर मंशादेवी नाग स्त्रोत तथा सर्प सुक्त संस्कार का पाठ करें। इच्छित फल की प्राप्ति के लिए नाग देवता से प्रार्थना करे ।
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