ध्रुव की कहानी हिंदू धर्म की एक प्रसिद्ध कहानी है।
ध्रुव एक युवा राजकुमार था, जो प्राचीन भारत में रहता था। वह राजा उत्तानपाद के बड़े पुत्र थे और उनकी पहली पत्नी सुनीति के बेटे थे।
हालांकि, उनके पिता की दूसरी पत्नी सुरुचि ने ध्रुव के साथ अच्छी तरह से बरताव नहीं किया था।
वह सुनीति और उसके बेटे से ईर्ष्या करती थी।
एक दिन, ध्रुव अपने पिता के गोद में बैठने की कोशिश की, लेकिन सुरुचि ने उसे दूर धकेल दिया। वह बोली कि केवल उसका बेटा राजा बनेगा और ध्रुव को महल से निकाल दिया जाएगा।
ध्रुव दुखी हो गया और अपनी माँ सुनीति से मिला। सुनीति ने उन्हें भगवान विष्णु की शक्ति के बारे में बताया और उन्हें भगवान की कृपा के लिए प्रार्थना करने की सलाह दी। ध्रुव ने फिर निर्णय लिया कि उन्हें महल छोड़ना होगा और वन में जाना होगा ताकि वह भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त कर सके।
उनकी माता ने उन्हें आशीर्वाद देकर रास्ता दिखाया और ध्रुव वन में चला गया। वहाँ पहुंचकर उन्होंने भगवान विष्णु का ध्यान करना शुरू किया। ध्रुव बहुत ही कड़ी मेहनत से भगवान की पूजा करने लगा। उन्होंने एक चक्रवर्ती बनने की इच्छा व्यक्त की।
भगवान विष्णु उनकी प्रार्थना को समझ गए और उनके समक्ष प्रकट हुए। उन्होंने ध्रुव को आशीर्वाद दिया कि वह चक्रवर्ती बनेगा और उसका नाम आकाश में स्थाई तारे के रूप में अमर होगा।
ध्रुव बहुत खुश था और अपने पिता के पास वापस जाना चाहता था। उन्होंने उनकी पत्नी सुरुचि और बेटे को देखा, जो उसे बुरी नजर से देख रहे थे। उन्होंने ध्रुव के आशीर्वाद के बारे में जाना और उनसे माफी मांगी।
इस तरह ध्रुव ने भगवान विष्णु की कृपा से अपने सपनों को पूरा किया और अपने परिवार को सम्मान प्राप्त किया।
ध्रुव की कहानी हमें यह सिखाती है कि धैर्य, समर्पण और प्रभु की पूजा जीवन में सफलता के लिए आवश्यक होते हैं। जब हम अपने सपनों के लिए दृढ़ संकल्प बनाते हैं तो हमें उन्हें पूरा करने के लिए धैर्य रखना होता है। समर्पण उन्हें सफलता तक ले जाने में मदद करता है और प्रभु की पूजा हमें शक्ति और सहायता प्रदान करती है।
ध्रुव की कहानी हमें यह भी बताती है कि हमें निर्धारित लक्ष्य के प्रति संकल्पित रहना चाहिए और अपने सपनों को पूरा करने के लिए कोई भी परिस्थिति हमें हिम्मत नहीं हारने देनी चाहिए।
ध्रुव की कहानी हिंदू धर्म में एक बहुत ही महत्वपूर्ण कथा है जो हमें सफलता के लिए अपने लक्ष्य के प्रति दृढ़ संकल्प और धैर्य का महत्व बताती है।
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