Sunday, September 19, 2021

श्री गणेश मंत्र एवं गणेश आरती Shri Ganesh Mantra and Ganesh Aarti

श्री गणेश मंत्र


1.) ॐ गं गणपतये नम:।

2.) वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरू मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा।।

3.) ॐ एकदन्ताय विद्धमहे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दन्ति प्रचोदयात्॥

1. गणेश आरती – जय गणेश देवा

जय गणेश देवा, जय गणेश देवा
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥

एकदंत दयावंत, चार भुजाधारी
माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी ॥
जय गणेश देवा…

अंधन को आँख देत, कोढ़िन को काया
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया ॥
जय गणेश देवा…

सूर्य को श्याम देत, चंद्र को प्रभा
गिल्लन को कंठ देत, निर्बल को बलवा ॥
जय गणेश देवा…

हार चढ़े फूल चढ़े, और चढ़े मेवा
लड्डु का भोग लगे, संत करें सेवा ॥
जय गणेश देवा…

दीनन की लाज राखो, संकट को हरना
नवग्रह दोष मिटाओ, सब विघ्न टरना ॥
जय गणेश देवा…

जय गणेश देवा, जय गणेश देवा
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥


2. गणेश जी की आरती – सुखकर्ता दुखहर्ता

सुखकर्ता दुखहर्ता, वार्ता विघ्नांची
नुरवी पुरवी प्रेम कृपा जयाची
सर्वांगी सुंदर, उटी शेंदुराची
कंठी झळके माळ मुक्ताफळांची ॥

जय देव जय देव, जय मंगलमूर्ती
दर्शनमात्रे मनकामना पूर्ती ॥

रत्नखचित फळपात्र पुढे ठेविले
मोदक लाडू गौरीकडून आणिले
दुर्वांकुरांची माळ मुखी घातली
सुमनांची ओटी शोभे भोवती ॥

जय देव जय देव, जय मंगलमूर्ती
दर्शनमात्रे मनकामना पूर्ती ॥

सिध्दिविनायक राज, मायापुरवासी
तुझविण साकार नाही माझा निवासी
स्मरण मात्रे संकट निवारीसी
भक्तांसी तू राखिसी संकटासी ॥

जय देव जय देव, जय मंगलमूर्ती
दर्शनमात्रे मनकामना पूर्ती ॥


3. आरती – गणनायकाय गणदेवताय

गणनायकाय गणदेवताय
गणाध्यक्षाय धीमहि।
गुणशरीराय गुणमंडिताय
गुणेशानाय धीमहि॥

गुणातीताय गुणाधीशाय
गुणप्रधानाय धीमहि।
एकदंताय वक्रतुण्डाय
गौरीसुताय धीमहि॥

शिवप्रियाय शिवसुताय
शिवपूज्याय धीमहि।
विघ्नराजाय विघ्नहर्त्रेय
विघ्नेशाय धीमहि॥

लम्बोदराय महोदराय
महाबलाय धीमहि।
धूम्रकेतवे धूम्रवर्णाय
धूम्ररूपाय धीमहि॥

विनायकाय वरप्रदाय
विद्यानिधये धीमहि।
सिद्धीप्रदाय बुद्धीप्रदाय
मोक्षप्रदाय धीमहि॥

भगवान श्री गणेश के 108 नाम (108 Names of Lord Ganesha)

1- बालगणपति
2- भालचन्द्र
3- बुद्धिनाथ
4- धूम्रवर्ण
5- एकाक्षर
6- एकदंत
7- गजकर्ण
8- गजानन
9- गजनान
10- गजवक्र
11- गजवक्त्र
12- गणाध्यक्ष
13- गणपति
14- गौरीसुत
15- लंबकर्ण
16- लंबोदर
17- महाबल
18- महागणपति
19- महेश्वर
20- मंगलमूर्ति
21- मूषकवाहन
22- निदीश्वरम
23- प्रथमेश्वर
24- शूपकर्ण
25- शुभम
26- सिद्धिदाता
27- सिद्धिविनायक
28- सुरेश्वरम
29- वक्रतुंड
30- अखूरथ
31- अलंपत
32- अमित
33- अनंतचिदरुपम
34- अवनीश
35- अविघ्न
36- भीम
37- भूपति
38- भुवनपति
39- बुद्धिप्रिय
40- बुद्धिविधाता
41- चतुर्भुज
42- देवदेव
43- देवांतकनाशकारी
44- देवव्रत
45- देवेन्द्राशिक
46- धार्मिक
47- दूर्जा
48- द्वैमातुर
49- एकदंष्ट्र
50- ईशानपुत्र
51- गदाधर
52- गणाध्यक्षिण
53- गुणिन
54- हरिद्र
55- हेरंब
56- कपिल
57- कवीश
58- कीर्ति
59- कृपाकर
60- कृष्णपिंगाक्ष
61- क्षेमंकरी
62- क्षिप्रा
63- मनोमय
64- मृत्युंजय
65- मूढ़ाकरम
66- मुक्तिदायी
67- नादप्रतिष्ठित
68- नमस्तेतु
69- नंदन
70- पाषिण
71- पीतांबर
72- प्रमोद
73- पुरुष
74- रक्त
75- रुद्रप्रिय
76- सर्वदेवात्मन
77- सर्वसिद्धांत
78- सर्वात्मन
79- शांभवी
80- शशिवर्णम
81- शुभगुणकानन
82- श्वेता
83- सिद्धिप्रिय
84- स्कंदपूर्वज
85- सुमुख
86- स्वरुप
87- तरुण
88- उद्दण्ड
89- उमापुत्र
90- वरगणपति
91- वरप्रद
92- वरदविनायक
93- वीरगणपति
94- विद्यावारिधि
95- विघ्नहर
96- विघ्नहर्ता
97- विघ्नविनाशन
98- विघ्नराज
99- विघ्नराजेन्द्र
100- विघ्नविनाशाय
101- विघ्नेश्वर
102- विकट
103- विनायक
104- विश्वमुख
105- यज्ञकाय
106- यशस्कर
107- यशस्विन
108- योगाधिपति

आरती गजानंद जी की

आरती गजानंद जी की, की पार्वती नंदन शिवसुत की ।
आरती गजानंद जी की, की पार्वती नंदन शिवसुत की ।
गले में मोतन की माला,साथ है रिद्धि-सिद्धि बाला।
वाहन को मूसक है काला, शीश पर मुकुट चंद्र बाला।
चलो हम दर्शन को जावे, पूजा की वस्तु को भी लावे।
पूजन कर साथ-पूजन कर साथ, नमाऊं माथ-नमाऊं माथ,जोड़कर हाथ-जोड़कर हाथ। 
कहो जय गौरी नंदन की,की पार्वती नंदन शिवसुत की।
आरती गजानंद जी की, की पार्वती नंदन शिवसुत की। 

हाथ मे अंकुश और फरसा,विनय कर सब जग धरी आशा।
करेंगे प्रभु सब दुःख को नाशा, कृपा करी पुरेंगे आशा।
के सुनकर उत्सव गणपति को, सुर नर दौड़े दर्शन को।
जमे सब साथ-जमे सब साथ, पुष्प ले हाथ-पुष्प ले हाथ,दृष्टि करी माथ-दृष्टि करी माथ।
कहो जय जय गणपति जी की, की पार्वती नंदन शिवसुत की।
आरती गजानंद जी की, की पार्वती नंदन शिवसुत की।

केशव सूत शरण है चरणन में, मंडली बाल समाज संग में।
विनय करो दिन-दिन स्वर में, सुखी रखो जनता को जग में।
के भारत माँ के है सब लाल, चिरायु करो इन्हें गणराज।
विनत के साथ-विनत के साथ,नमाऊं माथ-नमाऊं माथ, जोड़कर हाथ-जोड़कर हाथ। 
पूरी करो इच्छा सेवकों की, की पार्वती नंदन शिवसुत की। 
आरती गजानंद जी की, की पार्वती नंदन शिवसुत की। 
बोलो गजानंद गणपति महाराज की जय।


Tuesday, July 27, 2021

108 Name of Lord Shiva भगवान शिव के 108 नाम

भगवान शिव के 108 नाम ----

१- ॐ भोलेनाथ नमः
२-ॐ कैलाश पति नमः
३-ॐ भूतनाथ नमः
४-ॐ नंदराज नमः
५-ॐ नन्दी की सवारी नमः
६-ॐ ज्योतिलिंग नमः
७-ॐ महाकाल नमः
८-ॐ रुद्रनाथ नमः
९-ॐ भीमशंकर नमः
१०-ॐ नटराज नमः
११-ॐ प्रलेयन्कार नमः
१२-ॐ चंद्रमोली नमः
१३-ॐ डमरूधारी नमः
१४-ॐ चंद्रधारी नमः
१५-ॐ मलिकार्जुन नमः
१६-ॐ भीमेश्वर नमः
१७-ॐ विषधारी नमः
१८-ॐ बम भोले नमः
१९-ॐ ओंकार स्वामी नमः
२०-ॐ ओंकारेश्वर नमः
२१-ॐ शंकर त्रिशूलधारी नमः
२२-ॐ विश्वनाथ नमः
२३-ॐ अनादिदेव नमः
२४-ॐ उमापति नमः
२५-ॐ गोरापति नमः
२६-ॐ गणपिता नमः
२७-ॐ भोले बाबा नमः
२८-ॐ शिवजी नमः
२९-ॐ शम्भु नमः
३०-ॐ नीलकंठ नमः
३१-ॐ महाकालेश्वर नमः
३२-ॐ त्रिपुरारी नमः
३३-ॐ त्रिलोकनाथ नमः
३४-ॐ त्रिनेत्रधारी नमः
३५-ॐ बर्फानी बाबा नमः
३६-ॐ जगतपिता नमः
३७-ॐ मृत्युन्जन नमः
३८-ॐ नागधारी नमः
३९- ॐ रामेश्वर नमः
४०-ॐ लंकेश्वर नमः
४१-ॐ अमरनाथ नमः
४२-ॐ केदारनाथ नमः
४३-ॐ मंगलेश्वर नमः
४४-ॐ अर्धनारीश्वर नमः
४५-ॐ नागार्जुन नमः
४६-ॐ जटाधारी नमः
४७-ॐ नीलेश्वर नमः
४८-ॐ गलसर्पमाला नमः
४९- ॐ दीनानाथ नमः
५०-ॐ सोमनाथ नमः
५१-ॐ जोगी नमः
५२-ॐ भंडारी बाबा नमः
५३-ॐ बमलेहरी नमः
५४-ॐ गोरीशंकर नमः
५५-ॐ शिवाकांत नमः
५६-ॐ महेश्वराए नमः
५७-ॐ महेश नमः
५८-ॐ ओलोकानाथ नमः
५४-ॐ आदिनाथ नमः
६०-ॐ देवदेवेश्वर नमः
६१-ॐ प्राणनाथ नमः
६२-ॐ शिवम् नमः
६३-ॐ महादानी नमः
६४-ॐ शिवदानी नमः
६५-ॐ संकटहारी नमः
६६-ॐ महेश्वर नमः
६७-ॐ रुंडमालाधारी नमः
६८-ॐ जगपालनकर्ता नमः
६९-ॐ पशुपति नमः
७०-ॐ संगमेश्वर नमः
७१-ॐ दक्षेश्वर नमः
७२-ॐ घ्रेनश्वर नमः
७३-ॐ मणिमहेश नमः
७४-ॐ अनादी नमः
७५-ॐ अमर नमः
७६-ॐ आशुतोष महाराज नमः
७७-ॐ विलवकेश्वर नमः
७८-ॐ अचलेश्वर नमः
७९-ॐ अभयंकर नमः
८०-ॐ पातालेश्वर नमः
८१-ॐ धूधेश्वर नमः
८२-ॐ सर्पधारी नमः
८३-ॐ त्रिलोकिनरेश नमः
८४-ॐ हठ योगी नमः
८५-ॐ विश्लेश्वर नमः
८६- ॐ नागाधिराज नमः
८७- ॐ सर्वेश्वर नमः
८८-ॐ उमाकांत नमः
८९-ॐ बाबा चंद्रेश्वर नमः
९०-ॐ त्रिकालदर्शी नमः
९१-ॐ त्रिलोकी स्वामी नमः
९२-ॐ महादेव नमः
९३-ॐ गढ़शंकर नमः
९४-ॐ मुक्तेश्वर नमः
९५-ॐ नटेषर नमः
९६-ॐ गिरजापति नमः
९७- ॐ भद्रेश्वर नमः
९८-ॐ त्रिपुनाशक नमः
९९-ॐ निर्जेश्वर नमः
१०० -ॐ किरातेश्वर नमः
१०१-ॐ जागेश्वर नमः
१०२-ॐ अबधूतपति नमः
१०३ -ॐ भीलपति नमः
१०४-ॐ जितनाथ नमः
१०५-ॐ वृषेश्वर नमः
१०६-ॐ भूतेश्वर नमः
१०७-ॐ बैजूनाथ नमः
१०८-ॐ नागेश्वर नमः

जय श्री महाँकाल🙏🏻। ॐ नमः शिवाय। 🙏