Friday, July 27, 2018

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वर्ष 2026 में 4 ग्रहण होंगे, 2 सूर्य ग्रहण और 2 चंद्र ग्रहण


सूर्यग्रहण  कब से कब तक:-

1.) 17 फ़रवरी सूर्यग्रहण (वलयाकार)

दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका, प्रशांत, अटलांटिक, हिंद महासागर, अंटार्कटिका

2.) 12 अगस्त सूर्यग्रहण (कुल)

यूरोप, एशिया में उत्तर, उत्तर/पश्चिम अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका का अधिकांश भाग, प्रशांत, अटलांटिक, आर्कटिक


सूर्य ग्रहण के दौरान जाप करने के लिए मंत्र:-

"ॐ नमो भगवते वासुदेवाय": यह भगवान विष्णु का परम कल्याणकारी मंत्र है और ग्रहण के दौरान इसका जाप करना शुभ माना जाता है।

सूर्य गायत्री मंत्र: इस मंत्र का जाप अच्छे स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए शक्तिशाली माना जाता है। आप जाप कर सकते हैं: "ॐ भास्कराय विद्महे महाद्युतिकाराय धीमहि तन्नो आदित्यः प्रकोदयात्"

सूर्य मूल मंत्र:  "ॐ ह्रीं घृणि सूर्य आदित्य: श्रीं"। इस मंत्र का जाप ग्रहण काल में सकारात्मक ऊर्जा देता है।

अन्य मंत्र: आप अपनी पसंद के इष्ट देवता के मंत्रों का जाप भी कर सकते हैं, जैसे कि "ॐ नमः शिवाय"

गुरु मंत्र: यदि आपने मंत्र दीक्षा ली है, तो ग्रहण काल में अपने गुरु मंत्र का जाप करना बहुत प्रभावशाली होता है।
 

चंद्रग्रहण कब से कब तक:-

1.) 2–3 मार्च चंद्रग्रहण (कुल)

पूर्व में यूरोप, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अमेरिका, प्रशांत, अटलांटिक, हिंद महासागर, आर्कटिक, अंटार्कटिका

2.) 27–28 अगस्त चंद्रग्रहण (आंशिक)

यूरोप, एशिया में पश्चिम, अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अमेरिका, प्रशांत, अटलांटिक, हिंद महासागर, अंटार्कटिका

चंद्र ग्रहण के दौरान इन मंत्रों का जाप करें:-

चंद्र मंत्र: "ॐ श्रां श्रीं श्रौं स: चंद्रमसे नम:" या "ॐ सों सोमाय नम:" का जाप करना शुभ होता है । 

गायत्री मंत्र: "ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्।।"

महामृत्‍युंजय मंत्र: "ॐ त्रयंबकं यजामहे, सुगन्धि पुष्टिवर्द्धनं, उर्वारुक्मिाव, बंधनात्, मृत्‍योंर्मुचीय मामृतात्।।"

दुर्गा सप्‍तशती कवच मंत्र: "ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै।।"

इस दौरान हनुमान चालीसा (Hanuman Chalisa) और हनुमान जी के मंत्रोच्चारण का भी विशेष महत्व है

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