🌹 *21 - अगस्त सोमवती अमावस्या (सूर्योदय से रात्रि 1-00 तक)* 🥀
🌿 अमावस्या के दिन सोमवार का योग होने पर उस दिन देवताओं को भी दुर्लभ हो ऐसा पुण्यकाल होता है क्योंकि गंगा, पुष्कर एवं दिव्य अंतरिक्ष और भूमि के जो सब तीर्थ हैं, वे ‘सोमवती (दर्श) अमावस्या के दिन जप, ध्यान, पूजन करने पर विशेष धर्मलाभ प्रदान करते हैं ।
☘ *सोमवती अमावस्या, रविवारी सप्तमी, मंगलवारी चतुर्थी, बुधवारी अष्टमी - ये चार तिथियाँ सूर्यग्रहण के बराबर कही गयी हैं ।*
🌿 *इनमें किया गया स्नान, दान व श्राद्ध अक्षय होता है ।*
☘ *सोमवती अमावस्याः* दरिद्रता निवारण
🌿 इस दिन भी मौन रहकर स्नान करने से हजार गौदान का फल होता है।
☘ इस दिन पीपल और भगवान विष्णु का पूजन तथा उनकी 108 प्रदक्षिणा करने का विधान है। 108 में से 8 प्रदक्षिणा पीपल के वृक्ष को कच्चा सूत लपेटते हुए की जाती है। प्रदक्षिणा करते समय 108 फल पृथक रखे जाते हैं। बाद में वे भगवान का भजन करने वाले ब्राह्मणों या ब्राह्मणियों में वितरित कर दिये जाते हैं। ऐसा करने से संतान चिरंजीवी होती है।
🌿 *इस दिन तुलसी की 108 परिक्रमा करने से दरिद्रता मिटती है।*
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